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Saturday, November 10, 2018

भुजंगासन उदर संबंधी रोगों में फायदेमंद है

भुजंगासन
शरीर को स्‍वस्‍थ रखने और बीमारियों से दूर रहने के लिए योग सबसे अच्छा तरीका है । रोजान आसन करने से शरीर में चुस्ती-फुर्ती बने रहने के साथ ही व्यक्ति हमेशा हैल्दी रहता है। आज हम आपको एक एेसे आसन के बारे में बताएंगे जो आपके लिए बहुत फायदेमंद है। वह आसन है भुजंगासन। संस्कृत के शब्द भुजंग का अर्थ होता है सर्प। यानी की इस आसन में आपको सर्प की तरह अपने शरीर को आकार देना होगा। भुजंगासन के जितने भी फायदे गिनाए जाएं कम है क्योंकि यह सिर से लेकर पैर की उंगुलियों तक फायदा पहुंचाता है। इससे न सिर्फ आपकी रीढ़ की हड्डी लचीली होगी बल्कि यह आसन शरीर को सुडौल भी बनाता है।

भुजंगासन कैसे करे और इसके लाभ

  • भुजंगासन करने के लिए सर्वप्रथम एक स्वच्छ और समतल जगह का चयन करे और उसपर चटाई बिछा ले|
  • इसके बाद पेट के बल लेटे और अपनी हथेली को कंधे के सीध में लाएं।
  • आपके दोनों पैरो के बीच की दुरी कम करें और पैरों को सीधा एवं तना हुआ रखें।
  • आपका माथा भी जमीन पर रखे|
  • अब साँस लेते हुए शरीर के अगले भाग अर्थात सिर से लेकर नाभि तक ऊपर उठाये|
  • एक बात का ख्याल रखे की कमर पर ज्यादा खिंचाव नहीं आना चाहिए|
  • कुछ सेकंड्स इसी अवस्था में रहे|
  • अब गहरी स्वाँस छोडते हुए प्रारम्भिक अवस्था में आ जाये|
  • शुरुवाती दौर में इसे 3 से 4 बार करें और धीरे धीरे इसकी संख्या बढ़ाये|
  नोट:- योग का अभ्यास योग गुरु के निर्देशों में ही करे| यदि आप बहुत ज्यादा शाश्वत हो चुके है तो इसे घर पर कर सकते है| साथ ही यदि आपको किसी तरह की बिमारी है तो पहले चिकित्सक से संपर्क करे फिर ही भुजंगासन या योग के अन्य आसनों का अभ्यास करे|  
भुजंगासन के नियमित अभ्यास से आप भी उपरोक्त लाभ पा सकते है| किन्तु इसे करने से पहले इन सावधानियो को जरुर जान ले|  
  • पेट में किसी तरह का रोंग हो तो इस आसन को ना करे|
  • अत्यधिक पीठ दर्द में भी इस आसन का अभ्यास ना करे|
  • जिन लोगो को उच्च रक्तचाप की समस्या है उन्हें भी भुजंगासन नहीं करना चाहिए|

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