घुटनों के बल खड़े हो जाएँ | बाएं पैर को लगभग 1 Feet आगे करें | अब दाहिने पैर को पीछे की और खीचें| गर्दन तथा सिर को पीछे की ओर झुकाएं | हाथों को उपर की ओर उठाते हुए अर्ध-चंद्राकार की आकृति बनायें | वापस मूल अवस्था में आयें | दूसरे पैर को आगे रखकर क्रिया को दोहराएँ |
साँस-पीछे की तरफ मुड़ते हुए सांस लें, एवं मूल अवस्था में वापस आने पर सांस छोड़े |
समय– 2-3 मिनिट, इस आसन को 5-7 बार करें |
लाभ: यह आसन स्वसन तन्त्र के लिए बहुत उपयोगी है। दमा के रोगियों के लिए लाभकारी है। सर्वाइकल स्पोंडोलाइटिस एवं सियाटिका आदि समस्त मेरुदण्ड के रोगो को दूर करता है और थाइराइड के लिए लाभकारी है।
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