Health Products

Sunday, November 11, 2018

बालासन (शिशुआसन) करने की प्रक्रिया

बालासन | Balasana | Shishuasana
बाल का अर्थ है- शिशु या बच्चा, बालासन में हम एक शिशु की तरह वज्र आसन लेकर हाथों और शरीर को आगे की ओर झुकाते है। यह आसन बेहद आसान ज़रूर है मगर काफी लाभदायक भी है। कमर की मांसपेशियों को आराम देता है और ये आसन कब्ज़ को भी दूर करता है। मन को शांत करने वाला ये आसन तंत्रिका तंत्र को शांत करता है।

बालासन (शिशुआसन) करने की प्रक्रिया | How to do Balasana
अपनी एड़ियों पर बैठ जाएँ,कूल्हों पर एड़ी को रखें,आगे की ओर झुके और माथे को जमीन पर लगाये।
हाथों को शरीर के दोनों ओर से आगे की ओर बढ़ाते हुए जमीन पर रखें, हथेली आकाश की ओर (अगर ये आरामदायक ना हो तो आप एक हथेली के ऊपर दूसरी हथेली को रखकर माथे को आराम से रखें।)
धीरे से छाती से जाँघो पर दबाव दें।
स्थिति को बनाये रखें।
धीरे से उठकर एड़ी पर बैठ जाएं और रीढ़ की हड्डी को धीरे धीरे सीधा करें। विश्राम करें।
बालासन के लाभ | Benefits of the Balasana
पीठ को गहरा विश्राम।
कब्ज से राहत दिलाता है।
तंत्रिका तंत्र को शांत करता है।
बालासन के अंतर्विरोध | Containdications of the Balasana
यदि पीठ में दर्द हो या घुटने का ऑपरेशन हुआ हो तो अभ्यास न करें।
गर्भवती महिलाएं शिशु आसन का अभ्यास ना करें।
अभी आप दस्त से परेशान हो या हाल ही में ठीक हुए हो तो ये आसन न करें।

No comments:

Post a Comment

Recent posts

<b><p style="color:red">आधुनिक काल</b></p>

 स्वामी विवेकानन्द ने शिकागो के धर्म संसद में अपने ऐतिहासिक भाषण में योग का उल्लेख कर सारे विश्व को योग से परिचित कराया। महर्षि महेश योगी, प...

Popular Posts