विष्णु आसन का नाम भगवान विष्णु के नाम पर रखा गया है। यह आसन सृष्टी के पालनकर्ता भगवान विष्णु, जिन्हें हम प्रायः बायीं करवट लिए हुए देखते हैं, यह आसन उनका ही प्रतिक है। अंग्रेजी भाषा में इसे Lying Down on Sides पोज़ भी कहते है। इस आसन द्वारा शरीर को कई लाभ होते हैं। यह आसन मांसपेशियों को मजबूत बनाने में बहुत प्रभावी है। यह रक्त की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए प्रोस्टेट ग्रंथि, गोनाद और पैल्विक मांसपेशियों के कार्य को बढ़ावा भी देता है।
विष्णु आसन कैसे करें | How to do Vishnuasana (Lying down on Sides)
- पीठ के बल लेट कर दाईं करवट लें।
- दाहिनी हथेली के सहारे सर को ऊपर उठाएं। कोहनी जमीन पर स्थिर रहे।
- बाएँ हथेली को छाती के समीप जमीन पर रखें, अगर हो सके तो पैरों को सीधा करें।
- अपनी बायें पैर को ऊपर उठाएं और धीरे से नीचे रखें।
- इसे तीन बार करें।
- पैर को कुल्हे के जोड़ से वृत्त आकार (circular rotations) में घुमाएँ।
- ५ से ६ बार एक दिशा में करने के बाद दूसरी दिशा में घुमाएँ।
- धीरे से पैर को नीचे ले आयें और विश्राम करें।
- घूम कर बायीं करवट ले लें।
- अब बायीं ओर इसी क्रम को दोहराये।
- अंततः पीठ के बल लेट जाए और विश्राम करें।
विष्णु आसन के लाभ | Benefits of the Vishnuasana (Lying down on Sides)
- कुल्हे के जोङ में खिचाव लाता है।
विष्णु आसन के अंतर्विरोध | Contraindications of the Vishnuasana (Lying down on Sides)
अगर आपके पेट में या श्रोणि संबंधी कोई भी ऑपरेशन (शल्य-चिकित्सा) हुआ है तो यह आसन ना करे।
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