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Saturday, November 10, 2018

हलासन के लिए टिप्स

हलासन
इस आसन को ये नाम किसान के हल के समान आकृति होने के कारण मिला है, जो मिटटी को खेती से पहले खोदने के काम आता है।
पार्श्व हलासन हलासन की आगे की स्थिति है।
हलासन कैसे करें | How to do Halasana (Plow Pose)
  1. अपनी भुजाओं को अपने बगल में रखकर पीठ के बल लेट जाएँ।
  2. श्वास लेते हुए अपनी पेट के मांसपेशियों के बल पर अपने पैर को फर्श से 90 डिग्री तक ऊपर उठायें।
  3. श्वास लेते छोड़ते हुए अपने कुलहो और पीठ को अपने हाथों की सहायता फर्श से ऊपर उठायें।
  4. अपने पैरों को अपने सिर के ऊपर से होते हुए 180 डिग्री के कोण तक ले जाकर पीछे फर्श पर लगायें। आपकी पीठ फर्श पर लम्बवत रहे। ऐसा करना आरंभ में कठिन होगा लेकिन कुछ सेकंड्स तक करें।
  5. इसी मुद्रा में कुछ क्षण तक विश्राम करें और स्थिर श्वास लेते छोड़ते रहें।
  6. लगभग एक मिनट (आरम्भ में कुछ सेकंड्स ही) इस मुद्रा में विश्राम करें, फिर धीरे धीरे अपने पैर वापस लाकर श्वास छोड़ दें।

हलासन के लिए टिप्स | Tips for Halasana (Plow Pose)

  • इस आसन को धीमे धीमे और सहजता से करें। आपकी गर्दन पर ज्यादा जोर ना पड़े।
  • अपनी पीठ की कंधो से सहायता दें और कंधो को उठाकर कान के पास ले कर आयें।
  • जब अपना शरीर वापस लायें तो किसी प्रकार का झटका ना लगे।

हलासन करने से पूर्व कुछ तैयारी - प्रारंभिक आसन | Suggested preparatory asanas/poses before Halasana

  • पूर्व हलासन का अभ्यास पूर्ण हलासन से पहले करने का करना चाहिए। यह हलासन से कुछ आसान है।
  • हलासन से पूर्व सर्वांगासन करना चाहिए, जो कि पद्म साधना का एक भाग है। जब सर्वांगासन कर रहे हो तो अपने पैरों को 180 १८० के कोन पर ना ले जाकर उनको ऊपर की ओर हवा में जितना हो सके उतना खींचें ताकि आप अपने कंधो पर अधिक से अधिक आ सकें और अपनी पीठ को अपने हाथों से सहारा दें। सर्वांगासन के साथ ही हलासन किया जा सकता है।
  • सेतु बंधासन (ब्रिज पोज) यह एक और आसान है जिसे हलसान से पहले किया जा सकता है।

हलासन करने के बाद के अभ्यास - अनुवर्ती आसन | Suggested follow-up asanas/poses after Halasana

  • हलासन के बाद भुजंगासन (Bhujangasana) किया जा सकता है।
  • इसके बाद पवनमुक्तासन (Pavanamuktasana). में हलके से शरीर को हिला सकते है।

हलासन के ५ लाभ | 5-Benefits of the Halasana (Plow Pose)

  1. गर्दन, कन्धों, पेट और पीठ की मांसपेशियां खुलकर सुदृढ़ होती हैं।
  2. तंत्रिका तंत्र को विश्राम मिलता है और तनाव तथा थकान मिटती है।
  3. पैर की मांसपेशियों को बल और लचीलापन मिलता है।
  4. थाइरोइड ग्रंथि को सहायता मिलती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।
  5. महिलाओं को रजो निवृति में सहायता मिलती है।

हलासन से सम्बंधित सावधानियां | Halasana Contraindications (Plow Pose)

  • यदि गर्दन पर चोट हो या आप डायरिया और उच्च रक्तचाप से ग्रस्त हो तो ये ना करें।
  • महिलाएं गर्भावस्था और मासिक धर्म के पहले दो दिनों में इस आसन का अभ्यास ना करें।
  • यदि हाल ही में आप को किसी प्रकार की रीढ़ की हड्डी के  विकार (स्पाइनल डिसऑर्डर) हो तो इस आसन को करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

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