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Monday, August 22, 2022

पादहस्त आसन

 सीधे खड़ा होकर अपने नितंब और पेट को कड़ा कीजिए और पसलियों को ऊपर खीचें। अपनी भुजाओं को धीरे से सिर के ऊपर तक ले जाइए। अब हाथ के दोनों अँगूठों को आपस में बाँध लीजिए। साँस लीजिए और शरीर के ऊपरी हिस्से को दाहिनी ओर झुकाइए। सामान्य ढंग से साँस लेते हुए दस तक गिनती गिनें फिर सीधे हो जाएँ और बाएँ मुड़कर यही क्रिया दस गिनने तक दोहराएँ।


पुन: सीधे खड़े होकर जोर से साँस खींचें। इसके पश्चात कूल्हे के ऊपर से अपने शरीर को सीधे सामने की ओर ले जाइए। फर्श और छाती समानांतर हों। ऐसा करते समय सामान्य तरीके से साँस लेते रहें। अपने धड़ को सीधी रेखा में रखते हुए नीचे ले आइए।


बिना घुटने मोड़े फर्श को छूने की कोशिश करें। यथासंभव सिर को पाँवों से छूने का प्रयास करें। दस तक गिनती होने तक इसी मुद्रा में रहें। अपनी पकड़ ढीली कर सामान्य अवस्था में आ जाएँ। इस आसन से पीठ, पेट और कंधे की पेशियाँ मजबूत होती हैं और रक्त संचार ठीक रहता है।

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